जैसा कि हम सभी जानते हैं कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण पूरा देश परेशान है। कोरोना वायरस का केंद्र रहा चीन का वुहान अब बाढ़ से जूझ रहा है। पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है जिसके चलते जनजीवन पूरी तरह थम सा गया है। 23 जनवरी को यहां कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था। जिसके बाद इस बारिश ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया भारी बारिश को देखते हुए नागरिकों को घरों में रहने के लिए कहा गया है। बाढ़ में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है और आने वाले दिनों में स्थिति बेहद खराब हो सकती है। क्योंकि मौसम विभाग ने अगले 21 दिनों तक भारी बारिश की आशंका जताई है।
वही यह भी कहा जा रहा है कि क्या बाढ़ प्राकृतिक है? इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है। कुछ लोगों का दावा है कि चीन में कोरोना की और प्रकार से जुड़े सभी सबूत मिटाने के लिए यह चाल चली है। रिपोर्ट बताती है कि वुहान से 368 किलोमीटर दूर यिलिंग जिले के थ्री गैरेज डैम से पानी छोरा जा रहा है। चीन के अधिकारियों के अनुसार बांध टूटने की कगार पर है जिसकी वजह से मजबूरन पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं कुछ चीनी एक्टिवविस्ट का दावा है कि पानी जानबूझकर छोड़ा जा रहा है।
एक्टिविस्ट जेनिफर जेंग (Jennifer Zeng) ने हाल ही में दावा किया कि यह कदम जानबूझकर उठाया गया है, और चीनी अधिकारी सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसा कर रहे हैं, ताकि कोरोना महामारी में चीन की भूमिका से जुड़े सभी सबूतों को नष्ट किया जा सके। दरअसल, अगले हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक टीम वुहान जाने वाली है। जो यह जांच करेगी कि आखिरी वायरस जानवरों से मनुष्य में कैसे पहुंचा। लिहाजा यह माना जा रहा है कि चीन उससे पहले बचे सभी सबूत मिटा देना चाहता है और इसके लिए वह नकली बाढ़ का सहारा ले रहा है।