श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा का मानना है कि भारत के खिलाफ 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में एंजेलो मैथ्यूज का चोट की वजह से बाहर होना उनकी टीम को काफी महंगा पड़ा था। मेजबान भारत ने उस समय 28 साल बाद यह खिताब जीता था। न्यूजीलैंड के खिलाफ रोमांचक सेमीफाइनल में अहम भूमिका निभाने वाले मैथ्यूज के मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच से बाहर होना पड़ा था और वह मैच श्रीलंका हार गई थी। इसी के साथ भारत ने यह वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया था।
आपको बता दें भारत के हाथों 6 विकेट से हार के बारे में श्रीलंका के पूर्व कप्तान ने कहा कि मैथ्यूज की चोट की वजह से उन्हें 65 का कॉन्बिनेशन अपनाना पड़ा और यही वजह थी कि उन्हें टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला करना पड़ा कुमार संगकारा ने भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ इंस्टाग्राम पर बातचीत में कहा, ‘जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो उस वर्ल्ड कप फाइनल में मुझे यही सबसे बड़ी बात नजर आती है। आप कैच छोड़ना और ऐसी बातें कर सकते हैं। लेकिन यह टीम का कॉम्बिनेशन था और हमें अहम मैच में हमें बदलाव करने को मजबूर होना पड़ा।’
माहेला जयवर्धने के नाबाद 103 रन भी काम नहीं आए और भारत ने गौतम गंभीर के 97 रन और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नाबाद 91 रन की पारी की मदद से लक्ष्य हासिल करके खिताब जीता। कुमार संगकारा ने कहा, ‘अगर एंजेलो मैथ्यूज फिट होते तो हम लक्ष्य का पीछा करना पसंद करते। मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि इससे नतीजा बदल जाता। मैथ्यूज 7वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरकर हमें जो संतुलन प्रदान करता था वह वास्तव में बोनस की तरह था।’
कुमार संगकारा ने कहा, ‘अगर आप हमारे पूरे अभियान पर गौर करो तो मैथ्यूज के ओवर और पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ हालात के मुताबिक बल्लेबाजी करने की उनकी क्षमता हमारे लिये बोनस थी। वो तब युवा खिलाड़ी था और शुरू से ही हालात को समझकर खेलता था। वो जानता था कि कैसे गेंदबाजों पर काबू बनाना है और कब तेजी से रन बनाने हैं।’ अश्विन ने उस समय टॉस के दौरान पैदा हुई भ्रम की स्थिति के बारे में भी पूछा। संगकारा ने आखिर में टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया।
इसके साथ ही कुमार संगकारा ने कहा, ‘मैच के लिए बड़ी तादात में दर्शक पहुंचे थे। श्रीलंका में ऐसा कभी नहीं हुआ। एक बार ईडन गार्डन्स में ऐसा हुआ था जब मैं पहली स्लिप के फील्डर के साथ भी बात नहीं कर पा रहा था और इसके बाद वानखेड़े में हुआ। मुझे याद है कि मैंने टॉस के लिए कहा था और इसके बाद धोनी सुनिश्चित नहीं थे और उसने पूछा कि क्या तुमने ‘टेल’ कहा और मैंने कहा कि नहीं मैंने ‘हेड’ कहा था।’
उन्होंने कहा, ‘मैच रेफरी ने वास्तव में कहा था कि मैंने टॉस जीत लिया है लेकिन माही ने कहा कि ऐसा नहीं है। वहां थोड़ा भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी और माही ने कहा कि टॉस फिर से कर लेते हैं और फिर से ‘हेड’ ही आया। मैं नहीं कह सकता कि यह किस्मत थी कि मैं टॉस जीत गया। मुझे लगता है कि अगर भारत टॉस जीतता तो वह पहले बल्लेबाजी कर सकता था।’