पूरे देश में कोरोना के खिलाफ जंग शुरू हो गई है और इस जंग में हर कोई एकजुट होकर इस जंग को लड़ रहा है। तमाम राज्यों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। कई राज्यों में कर्फ्यू तक लगा दी गई है।
ऐसा इसलिए किया गया है ताकि वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा ना हो सके और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसी बीच प्राइवेट नौकरी कर रहे लोगों पर उनकी नौकरी जाने और सैलरी रुकने का संकट मंडरा रहा है। जिसे लेकर केंद्र सरकार ने इन तमाम कंपनियों से अपील की है कि वह अपने कर्मचारियों को नौकरी से ना निकाले और ना ही उनकी सैलरी काटी।
आपको बता दें,श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव हीराला समरिया ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस बारे में पत्र लिखा है। इससे पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्र के नाम पर संबोधन में इन कंपनियों से ऐलान किया था कि वह अपने जितने भी कर्मचारी है उनको नौकरी से ना निकाले और ना ही उनकी सैलरी काटे। हीराला सिमरिया ने तमाम सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस से पैदा हुए हालात में कर्मचारियों की सहूलियत का ध्यान रखना जरूरी है। सभी प्राइवेट और पब्लिक कंपनियों को सुझाव दिया जाता है कि संकट के इस दौर में छटनी ना करें और ना ही उनका पैसा काटा और कोई कर्मचारी छुट्टी लेता है तो उसे छुट्टी देनी चाहिए और उसके बदले कोई भी पैसा नहीं काटें।
दरअसल,कोरोना वायरस के चलते 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 548 जिलों में सोमवार की शाम पूरी तरह लॉकडाउन की घोषणा की गई। अकेले सोमवार को 95 नए कोरोना पॉजिटिव केस की पुष्टि की गई जो कि एक दिन में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा रहा है। सोमवार की रात तक इस भारत में कुल 471 लोगों को संक्रमित कर दिया है इन सभी लोगों की जांच पॉजिटिव आई है। वहीं दिल्ली,पंजाब,महाराष्ट्र,चंडीगढ़,पांडिचेरी में 31 मार्च तक कर्फ्यू लागू हो गया है।