पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट में हमेशा ही भारतीय क्रिकेट में ‘नई सुबह’ का श्रेय दिया जाता है। सौरव गांगुली ने उस समय टीम की कप्तानी संभाली, जब मैच फिक्सिंग कांड से भारतीय क्रिकेट घिरा हुआ था। सौरभ गांगुली ने कमान संभाली और उन खिलाड़ियों को पहचानना शुरू किया, जो मैच विनर हो सकते थे। सौरभ गांगुली ने अपनी विरासत से एक सफल टीम बनाई। सौरव गांगुली ने वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान और आशीष नेहरा को बढ़ावा देकर 2011 विश्व कप विजय की बुनियाद रखी।
सौरव गांगुली ने कहा कि मैंने उन खिलाड़ियों को सपोर्ट किया जो मैच जिता सकते थे। कप्तान के रूप में यही मेरी विरासत है। बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ”टीम में घरेलू और विदेश पिचों पर जीतने क्षमता आई, मुझे इस बात पर गर्व है।”
ऑनलाइन लेक्चर अनअकैडमी में उन्होंने कहा, ”2011 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम में 7-8 खिलाड़ी ऐसे थे, जिन्होंने मेरे नेतृत्व में करियर शुरू किया। वीरेंद्र सहवाग, महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह, आशीष नेहरा। मुझे लगता है, मेरी विरासत ने कप्तानी को भी पीछे छोड़ दिया। मैंने एक ऐसी टीम छोड़ी, जो देश और विदेशों में मैच जीत सकती है।”
सहवाग, युवराज, हरभजन, जहीर, नेहरा, धोनी, सभी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज सौरव गांगुली के नेतृत्व में किया। गांगुली को भारत के सबसे सफल कप्तानों में गिना जाता है। गांगुली ने कहा कि जब महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 में विश्व कप उठाया तो वह रोमांचित हो गए और उन्हें 2003 के वे पल याद आए, जब भारत 2003 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था।
सौरव गांगुली ने कहा, ”मुझे याद है मैं उस रात वानखेड़े स्टेडियम में था। मैं धोनी को देखने के लिए कमेंटरी बॉक्स से बाहर आ गया था। 2003 में जिस टीम की मैं कप्तानी कर रहा था। वह फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी। मुझे बेहद खुशी हुई कि धोनी के पास ट्रॉफी जीतने का अवसर था और उन्होंने यह कर दिखाया।” धोनी की टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी थे। जो 2003 में जोहानिसबर्ग में फाइनल खेल चुके थे। सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा, और हरभजन सिंह।
उन्होंने कहा, ”लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ा दिन वह था। जब 2011 में भारत ने विश्व कप जीता। महान धोनी ने अंतिम गेंद पर शानदार छक्का लगाया, जिसे भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।” गांगुली ने इस बात पर भी खुशी जताई की, जिन खिलाड़ियों ने मेरे अंडर में डेब्यू किया उन्होंने विश्व कप जीतने के सपने को पूरा किया।