सरकार के इस फैसले के बाद अब यह साफ है कि बीसीसीआई अगर आईपीएल का आयोजन करता है, तो उसे इस टूर्नामेंट को दर्शकों के बिना ही आयोजित करना होगा और ऐसे में यह टूर्नामेंट अब बंद दरवाजे के बीच खेला जा सकता है.
कोरोना वायरस के चलते अब इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2020) पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. 29 मार्च से IPL का 13वां सीजन शुरू होना है. अब आईपीएल को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कोरोनो वायरस के प्रभाव को देखते हुए आयोजकों को यह तय करना है कि इसके साथ आगे बढ़ना है या नहीं. हमारी सलाह होगी कि इस समय ऐसा न करें, लेकिन अगर वे आयोजन को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं तो यह उनका निर्णय है.
इससे पहले खेल मंत्रालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) सहित अन्य राष्ट्रीय महासंघों को साफ तौर पर कहा कि कोरोनो वायरस के खतरों के बीच अगर देश में किसी भी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है, तो उसे बंद दरवाजे के बीच करना होगा.
सरकार के इस फैसले के बाद अब यह साफ है कि बीसीसीआई अगर आईपीएल का आयोजन करता है, तो उसे इस टूर्नामेंट को दर्शकों के बिना ही आयोजित करना होगा और ऐसे में यह टूर्नामेंट अब बंद दरवाजे के बीच खेला जा सकता है.
खेल सचिव राधे श्याम जुलानिया ने आईएएनएस से बातचीत में साफ कर दिया है कि अगर कोई खेल है, जिसे टाला नहीं जा सकता है, तो उसे बंद दरवाजे के बीच आयोजित करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसमें दर्शक न आएं.
खेल सचिव ने कहा, ‘बीसीसीआई सहित सभी राष्ट्रीय संघों से कहा गया है कि वे स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और सलाह का पालन करें. हमने उन्हें किसी भी सार्वजनिक सभा से बचने के लिए भी कहा है और अगर कोई खेल टूर्नामेंट का आयोजन होना है, तो उसे बंद दरवाजे के बीच खाली स्टेडियम में किया जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘यह राज्य सरकार के ऊपर है, जिसे दर्शकों का प्रबंधन करना है और उनके पास इसे रोकने के लिए महामारी रोग अधिनियम (1897 की महामारी अधिनियम) के तहत शक्ति प्राप्त है. यदि इसे (टूर्नामेंट को) टाला नहीं जा सकता है तो इसे दर्शकों के बिना ही बंद दरवाजे के बीच आयोजित करना चाहिए.’