भारतीय क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले रोहित शर्मा को देखकर लगता था कि विनोद काबली की तरह इस प्रतिभाशाली क्रिकेटर का भी करियर जल्द खत्म हो जाएगा। महसूस होता था कि रोहित अपने प्रतिभा का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। यह बात खुद रोहित के अंतर्मन को भी सच उठती रहती थी। इसी आत्ममंथन के दौर मैं रोहित ने खुद को बदलने का फैसला लिया बस फिर क्या था हिटमैन के बदलते हैं इतिहास बदलने लगे।
आपको बता दें आज टीम इंडिया के इस धांसू खिलाड़ी रोहित शर्मा का जन्मदिन है कलाई के जादूगर रोहित ऐसे तो हैदराबाद के रहने वाले हैं। रोहित का जन्म संतरो के शहर नागपुर में हुआ। क्रिकेट का ककहरा मुंबई में कुछ दिनेश लाड सिखाया। लाड खुद सचिन तेंदुलकर के गुरू रमाकांत आचरेकर के शागिर्द रह चुके हैं। रोहित शर्मा आज अपना 33वां जन्मदिन मना रहे है। रोहित की प्रतिभा और कौशल का तो हर कोई कायल था और है। उन्होंने खूब उतार-चढ़ाव झेले हैं। एक वक्त तो यह भी आया कि जब वह वन डे में भी रनों के लिए तरस गए।
बता दें कि मुंबई इंडियंस की आईपीएल में कप्तानी से रोहित पर ज्यादा जिम्मेदारी आ गई। अपनी कप्तानी में रोहित ने मुंबई इंडियंस को चार बार खिताब दिलाया। दरअसल जिम्मेदारियों ने रोहित के खेल को निखारा। जिम्मेदारियों की कसौटी में तपकर रोहित जैसा सोना कुंदन बन कर निखरा।108 वन-डे खेलने के बाद 26 बरस की उम्र में कोलकाता मे उन्हें अपने टेस्ट करियर का आगाज करने का मौका मिला। रोहित ने डेब्यू टेस्ट में ही शतक लगा दिया। ऐसा करने वाले वह 14वें भारतीय थे।
भारत के महान विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के रंगत खोने के बाद कप्तान धोनी के भरोसे ने रोहित को वन डे टीम में जगह क्या दिलाई कि उन्होंने फिर बुलंदी को चूमने की ठान ली। शिखर धवन के सलामी जोड़ीदार के रूप में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 83 रन की मैच जिताने वाली पारी खेल कर अपनी जगह टीम में पक्की की। सच है सब्र का फल मीठा होता। शायद यह बात रोहित को भी समझ आ गई। 2019 विश्व कप में रोहित वर्ल्ड कप इतिहास के पहले ऐसे बल्लेबाज बने। जिन्होंने इस टूर्नामेंट के किसी एक एडिशन में सबसे ज्यादा 5 शतक बनाए हो।