भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की सबसे अच्छी टीमों में गिने जाने वाले टीम है. इसके बावजूद ड्रेसिंग रूम के कई ऐसे सच है जो किसी को नहीं पता है. इस घटनाओं के बारे में खिलाड़ी या तो अपने ऑटो बायोग्राफी या फिर संन्यास के बाद ही किसी इंटरव्यू में खुलासा करते हैं. आज हम इस आर्टिकल में से 5 घटनाओं के बारे में बताएंगे.
5) सचिन पर लगा था बॉल टैंपरिंग का आरोप
साल 2001 में दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच पोर्ट एलिजाबेथ में दूसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा था। इस मैच में मैच रेफरी माइक डेनिस ने सचिन तेंदुलकर पर गेंद से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसे सुनकर सभी खिलाड़ी आश्चर्यचकित हो गए थे। बता दें कि इस घटना के बाद तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, कप्तान सौरव गांगुली, हरभजन सिंह, शिव सुंदर दास और दीप दासगुप्ता को एक टेस्ट मैच के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। इससे भारत में नाराजगी फैल गई और मामला भारत की संसद में भी उठा। डेनिस को नस्लवादी करार दिया गया और आईसीसी पर भारत के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया गया। बीसीसीआई ने दक्षिण अफ्रीका के अपने दौरे को बंद करने की धमकी दी जब तक कि डेनेस को तीसरे टेस्ट के लिए मैच रेफरी के रूप में बदल नहीं दिया गया।
4) सचिन और राहुल द्रविड़
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर बेहतरीन दोस्त माने जाते हैं। दोनों ने काफी क्रिकेट साथ खेला है। 2004 में सौरव गांगुली की गैरमौजूदगी में राहुल द्रविड़ पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में कप्तान थे।
सचिन जब 194 पर बल्लेबाजी कर रहे थे, द्रविड़ ने उसी समय पारी घोषित कर दी। इस बारे में खुलासा करते हुए सचिन ने बताया था कि जब वह ड्रेसिंग रूम में पहुँचने तो द्रविड़ से कहा “मुझे अकेला छोड़ दो”। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि जो हुआ था उससे बाहर निकलने के लिए उन्हें समय चाहिए था।
3) गांगुली और सिद्धू पर बंदूक तानी
सौरव गांगुली ने 1996 के इंग्लैंड दौरे पर अपना टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने अपनी किताब बीफीस क्रिकेट टेल्स में खुलास किया था कि लन्दन में उनपर और नवजोत सिंह सिद्धू पर उस दौरे में बंदूक तान दी गयी थी। वहां ट्रेन में किसी ने गांगुली को बियर की बोतल से मार दिया।
ऐसा होते देखकर नवजोत सिंह सिद्धू उन लड़कों से उलझ गये। इसके बाद बात काफी बढ़ गयी और सामने वालों ने बंदूक तान दी। गांगुली ने लड़के को धक्का देकर वहां से भागना ही बेहतर समझा। गांगुली ने अपनी किताब में लिखा कि बंदूक देखकर एक पल के लिए उन्हें ऐसा लगा कि आज इसी ट्रेन में उनकी जिंदगी समाप्त हो जाएगी।
2) कपिल देव का रोना
भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों का नाम साल 2000 में मैच फिक्सिंग में आया था। इसमें मनोज प्रभाकर, मोहम्मद अजहररुद्दीन और अजय जडेजा का नाम आया था। इस खिलाड़ियों पर बीसीसीआई ने आजीवन बैन लगाने का फैसला किया था।
इसमें उस समय के कोच कपिल देव का नाम भी घसीटा गया था। इसपर कपिल देव ने रोते हुए कहा था कि मैं किसी से रिश्वत लेने के बजाय उससे पहले आत्महत्या कर लूंगा। मेरे सारे पैसे ले लो, मैं यह नहीं चाहता। मैं ऐसे परिवार से आता हूं जहां गर्व सबसे महत्वपूर्ण चीज है।
1) दाउद इब्राहिम
अंडर वर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम मुंबई हमले का दोषी है और भारत सरकार को काफी समय से उसकी तलाश है। वह एक बार भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में खुद को एक बड़ा व्यवसायी बताकर आया था।
उसने टीम के व्यवसायी के रूप में परिचय दिया और 1987 में शारजाह कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीतने पर प्रत्येक खिलाड़ी को कार भेंट करने की पेशकश की। इस घटना का खुलासा पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने किया था।